उस आदमी ने हामी भरी और कॉल कट कर दिया वही चिराग रेडी होने अलगा कसरीब ४ मिनट बाद उसके मोबाइल पर वामिका की सारी इनफार्मेशन थी
उसने धीरे से खुद मे हि कहा
उम्म।।वामिका कपूर
थोडी देर बाद उसकी फॅमिली और वह कपूर मैंशन के लिये निकल चुके थे चिराग को इस रिश्ते में कोई दीचस्पी नही थी वह बस अपने माँ और पापा के लिये जा रहा था
जल्द हि वह पहुंच चुके थे
वह अंदर enter हुए तोह उन्होंने देखा की सब फॅमिली मेंबर्स पहले से हि ड्राइंग मे थे यहा तक की वामिका भी
वामिका हमेशा से हि काफी चुलबुली और इनोसेंट थी
चिराग की नज़र जैसे हि वामिका पर उसकी आँखे जैसे जपकना हि बंद हो गयी वह उसकी खूबसूरती में इस तरह खो गया की आजु बाजू में क्या चल रहा है उसे इस बात का एहसास तक नही था ❣️
तभी उसके बगल से आवाज आयी
चिराग आप वामिका से अकेले में बात करना चाहेंगे ??
चिराग की माँ अर्थार्त अवंतिका अग्निहोत्री
चिराग ने हा में सिर हिला दिया
तभी वामिका का भाई जिनका नाम था कार्तिक उन्होंने कहा
वामिका जाओ हुकुम सा को गार्डन में लेकर वहा बात भी कर लेना और गार्डन भी दिखा देना
वामिका और चिराग दोनो हि वहाँ से चले गये
वही गार्डन मे
वामिका और चिराग दोनो हि चुप थे दोनो के हि चुप्पी का कारण अलग अलग था
जहा वामिका नर्वस थी वही चिराग वामिका की खूबसूरती मे खोया हुआ
अब आगे
🌙🌙 चिराग और वामिका दोनो हि चुप थे चिराग को तोह जैसे इस रिश्ते से कोई फर्क ना पड़ रहा हो
वैसे भी उसे शादी नही करनी थी उसकी माँ के खुशी के लिये वह इस रिश्ते को बस देखने के लिये माना था
वरना उसे यह सब कुछ बेकार लगता उसे प्यार पर ना विश्वास था ना उसे कभी प्यार पर विश्वास होने वाला था
वही वामिका जो उसके इरादों से अनजान उसने बात करने के लिये कहा
आप हमें खुश तोह रखोगे ना शादी के बाद ??
चिराग उसकी बात पर चिड़ गया
उसने गुस्से से कहा
अभी तक हमारी शादी ना हुईं है ना होने वाली है
मुझे तुम पसंद नही हो इनफैक्ट मुझे कोई लड़की पसंद नही है
मै बस माँ के लिये यहा आया था पर तुम तोह यहा शादी के सपने सजा कर बैठी हो
कम to रियलिटी मे तुमसे शादी नही करने वाला
उसके ऐसी बात सुन वामिका का के आँखों मे आंसु आ गये
उसने चिराग से सुबकते हुए कहा
हुकुम सा आप माँ के कहने पर भी क्यू आये नही आना था
उन्हे बोल देते आपने जिस लड़की को मेरे लिये पसंद् किया है मे उससे शादी नही कर सकता
आप क्यू यहा आये आपने क्यू मुझे अकेले में बात की क्यू मुझे हर्ट कर दिया
चिराग ने उसकी बात पर कहा
मुझे कोई इंटरेस्ट नही था यहा पर आने का
तुमसे बात करने बस बात यही है की में मेरी माँ को उदास नही देख सकता
वामिका ने उसकी बात बीच में काटते हये कहा
तोह अब जब आप इस रिश्ते के लिये ना बोलने वाले है तोह
आप अपनी माँ को क्या बताएंगे
चिराग उसकी बात पर स्पिछलेस था क्युकी उसे भी नही पता था की इस रिश्ते को इंकार करने के बाद उसकी माँ को वह कैसे फेस करेगा
तभी वामिका की भाभी आयी
जिनका नाम
नीलम कपूर था
उन्होंने चिराग और वामिका से काहा
हुकुम सा आपको और लाडो को माँ ने बुलाया है
वो वामिका का को लाडो कहकर पुकारती थी
वह दोनो उनके पीछे पीछे अंदर चले गये
वहाँ जाकर चिराग की माँ ने चिराग से पूछा
चिरग तेरी इस रिश्ते के लिये मेज हा समझू ??
चिराग और वामिका ने एक दूसरे के तरफ देखा
चिराग को समझ नही आ रहा था की अपनी माँ को वह क्या जवाब दे
उसने हा मे सिर हिला दिया
उसको हामी भरता देख वामिका बुरी तरह से हैरान थी
तभी वामिका का के पापा ने उसी पूछा
जिनका नाम
राम कपूर था कर उनकी पत्नी का नाम
भार्गवी कपूर था
राम जी ने वामिका से पूछा
लाडो आपकी हा है क्या इस रिश्ते के लिये
वामिका ने भी हा कह दिया
ऐसे हि कुछ दिन बीत गये.
इन दिनों में ना चिराग और वामिका मिले थे ना उन्हीने कोई बात की थी उनकी शादी की डेट आज से एक महीने बाद की थी
पर उन दोनो के हि बीच एक आदृश्य दिवार थी जो ना वामिका पार कर रहे ना चिराग
कपूर मैंशन
आज चिराग की माँ
अवंतिका जी मैंशन आयी हुईं थी
उन्होंने वामिका का के लिये उसका पसंदीदा नास्ता बनाकर् लाया था
ऐसे हि बाते करते करते उनका ब्रेकफास्ट ख़तम हो गया
तभी उन्होंने वामिका से कहा
बेटा आज चिराग ना बिना खाये हि ऑफिस चला गया तुक उसके ऑफिस जाकर उसको ये टिफ़िन दे आओगी
वामिका का बिकुल मन नही था चिराग का सामना करने का
फिर भी उनका अदार के लिये वह मान गयी और टिफ़िन लेकर चिराग के ऑफिस चली गयी
उसने वहा पहुंच लिफ्ट का बटन दबाया और सीधा २४ फ्लोर के लिये निकल गयी
२४ फ्लोर पे बस चिराग का कैबिन् था इसीलिए वह बिना नॉक किये अंदर चली गयी
अंदर का नज़ारा देख उसका दिल टूट गया
kya होगा आगे ??
ऐसा क्या देख लिया वामिका ने ?? ।
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